"तुमको सुकून की जरूरत पड़ेगी, शांति की जरूरत पड़ेगी। जब तुम दुखी होगे इस संसार से तो कहां जाओगे! उस प्राणी के लिए जो इस संसार से दुखी है उसके लिए एक ही है और वह है तुम्हारे अंदर बैठा हुआ। वह तुमको संभाल सकता है, वह तुमको बचा सकता है!" — प्रेम रावत जी